8 सितंबर बुधवार को टी-20 विश्व कप 2021 के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया था. कुल 15 खिलाड़ियों को भारत की टीम में जगह दी गई है. वहीं 3 खिलाड़ियों को रिजर्व के रूप में रखा गया है. हालांकि भारत की टी-20 विश्व कप टीम देखते हुए चयनकर्ताओं के 5 फैसले समझ से परे नजर आ रहे हैं. आज हम आपकों अपने इस खास लेख में भारतीय चयनकर्ताओं के 5 समझ से परे फैसलों के बारे में ही बताएंगे.
धवन जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम में शामिल क्यों नहीं?
भारतीय टीम के स्टार ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन को भारत की टी-20 विश्व कप टीम में जगह नहीं मिल पाई है. वह आईपीएल 2021 के पहले पार्ट में शानदार फॉर्म में थे, उन्होंने 8 मैच खेले थे जिसमे 54.28 की शानदार औसत से कुल 380 रन बना लिए थे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 134.27 का रहा था वहीं 3 अर्धशतक उनके बल्ले से निकले थे. हालांकि उन्हें इन शानदार आंकड़ो के बावजूद भारतीय टीम में जगह नही मिल पाई है, जो बिल्कुल समझ से परे लगता है.
अश्विन को किस आधार पर मिल गया मौका?
अश्विन ने 9 जुलाई 2017 को भारत के लिए अपना अंतिम टी-20 मैच खेला था. इन 4 सालों में उन्हें भारत के लिए एक भी टी-20 खेलने का मौका नहीं मिला. भले ही अश्विन एक दिग्गज स्पिनर है, लेकिन अगर चयनकर्ता उन्हें टी-20 विश्व कप में लेकर जाना चाहते थे, तो उन्हें पहले कम से कम एक-दो बाईलेटरल सीरीज में मौका देना चाहिए था. अश्विन का चयन भी समझ से परे नजर आ रहा है.
चहल के साथ नाइंसाफी क्यों?
पिछले 4 साल से युजवेंद्र चहल भारतीय टीम के स्पिन आक्रमण की अगुवाई कर रहे हैं, लेकिन जब टी-20 विश्व कप खेलने की बात आई, तो उन्हें ड्राप कर दिया गया. ऐसे में कहीं ना कहीं चहल के साथ भी नाइंसाफी हुई है. युएई में हुए पिछले आईपीएल में चहल ने 21 विकेट लिए थे, ऐसे में उनका भी टीम में चयन ना होना समझ से परे हैं.
श्रेयस अय्यर को भी क्यों नहीं मिला मौका?
श्रेयस अय्यर पिछले 2 साल से भारत के लिए नंबर-4 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन जब टी-20 विश्व कप में लेकर जाने की बात आई तो उन्हें भी ड्राप कर दिया गया है और सिर्फ रिजर्व खिलाड़ियों में रखा गया है. ये कुछ ऐसा हुआ हैं जैसा साल 2019 के विश्व कप में अंबाती रायडू के साथ हुआ था, उन्हें भी पिछले 2 साल से नंबर-4 पर खिलाया विश्व कप के समय बाहर कर दिया गया था.
टीम में सिर्फ 3 तेज गेंदबाज क्यों?
भारतीय टीम के पास टी-20 विश्व कप में 5 स्पिनर हैं, वहीं तेज गेंदबाज कहने में मात्र 3 है, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह को चुना गया है.
मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार की फिटनेस ज्यादा अच्छी नहीं रहती है, वह 2-3 मैच खेलने के बाद कब चोटिल हो जाए कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में क्या 1 स्पिनर कम करके एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज और नहीं लेकर जाया जा सकता था. भले ही वह टी नटराजन हो या दीपक चाहर चयनकर्ताओं को टीम में एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज लेकर जाना चाहिए था.